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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

स्कूली किताबों में अन्ना हजारे बने "दूसरे गांधी"


नई दिल्ली. भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की अलख जगाने वाले अन्ना हजारे भले ही सत्ता पक्ष व अन्य राजनीतिक वर्ग के आंखों की किरकिरी बने हों, लेकिन वे स्कूलों की किताब में 'दूसरे गांधी' बन गए हैं। सीबीएसई के कई स्कूलों में एक निजी प्रकाशक की पुस्तक को 'जनरल नॉलेज अपडेट' के रूप में उन्हें पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है। 


सातवीं-आठवीं कक्षा के लिए अलग- अलग तैयार की गई इन पुस्तकों में अन्ना को दूसरा गांधी बताते हुए उनके जीवन, हाल ही में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन व अनशन के बारे में जानकारी दी गई है। 


आठवीं कक्षा की पुस्तक में अन्ना के जन लोकपाल की मुख्य विशेषताओं को बताया गया है। हजारे पर लिखी गई धीरेन एम दोषी की किताब के बारे में दावा किया गया है कि यह सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) योजना पर आधारित पुस्तक है। 


गौरतलब है कि सीसीई योजना मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल की पहल पर छात्रों के सीसीई के लिए सीबीएसई के स्कूलों में लागू की गई है। 


मंत्रालय का टिप्पणी से परहेज 


फिलहाल मानव संसाधन मंत्रालय और सीबीएसई ने इस तरह की पुस्तकों के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है। मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि अगर कोई सप्लीमेंटरी पढ़ाई के तहत किसी व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी दे रहा है तो इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। 
मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने इस संबंध में 'एसएमएस' के जरिए पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। सीबीएसई चेयरमैन विनीत जोशी ने भी इस संबंध में कुछ नहीं कहा। 


मंत्रालय के अधिकारी इस मसले को सियासी रूप से संवेदनशील मानते हुए कुछ भी आधिकारिक रूप से कहने से बच रहे हैं। दरअसल मंत्रालय सूत्रों का मानना है कि इस मसले में हाथ डालना बर्र के छत्ते को छेडऩे जैसा है। एक अधिकारी ने कहा कि हमने किसी तरह की संस्तुति नहीं दी है, लेकिन अन्ना के बारे में कोई पढ़ाना ही चाहता है तो हम रोकने में समर्थ भी नहीं हैं।

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