" "

भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

जनरल को शहीद नहीं करेगी सरकार


रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई से इंकार के संकेत दिए हैं, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री को लिखे उनके पत्र के लीक होने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसका मतलब है कि सरकार जनरल वीके सिंह को बर्खास्त करके या फिर छुट्टी पर भेजकर शहीदों की श्रेणी में नहीं लाना चाहती जिन्हें उनकी ईमानदारी के लिए सेना से बर्खास्त कर दिया गया।


रक्षामंत्री ए के एंटनी ने दिल्ली में डिफेन्सएक्सपो में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खुफिया ब्यूरो से उस पत्र के लीक होने की जांच करने के लिए कहा गया है जिसमें सेनाध्यक्ष ने कहा था कि देश की सुरक्षा दांव पर लग सकती है। एंटनी ने कहा कि सरकार इसकी जड़ तक जाएगी और राष्ट्र विरोधी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाएगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या जनरल सिंह पर सरकार को भरोसा है कि इस सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा सेना के तीनों अंगो के प्रमुखों पर सरकार को भरोसा है। वे काम कर रहे हैं अन्यथा वे कैसे काम कर रहे होते।


शुरुआत में एंटनी ने सेना प्रमुख से जुड़े सवालों को टालने की कोशिश की और पत्रकारों से सेना को विवाद में नहीं लाने और संस्था को नुकसान नहीं पहुंचाने का अनुरोध किया, लेकिन पत्रकारों के बार बार पूछे जाने पर आखिरकार उन्होंने कुछ सवालों के जवाब दिये। यह पूछे जाने पर कि क्या उनको लग रहा है कि विश्वासघात हुआ है तो इस पर एंटनी ने कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत भावना का खुलासा नहीं करना चाहेंगे और उनका फैसला तथ्यों के आधार पर होगा।


उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की रत्ती भर भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और उसने फैसला किया है कि अगर खरीद प्रक्रिया में किसी भी चरण में अनियमितता पायी जाती है तो वह अनुबंध को रद्द करने से नहीं हिचकिचाएगी। उन्होंने कहा कि हम लगातार अपनी रक्षा तैयारियों की समीक्षा करते हैं। रक्षा को मजबूत बनाना अनवरत प्रक्रिया है और भारत को रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए आवंटन में ठोस वृद्धि करने की आवश्यकता है।


पत्र लीक देशद्रोह: जनरल सिंह
रक्षा मंत्री की इस टिप्पणी से कुछ समय पहले जम्मू से जनरल सिंह का बयान आया था कि उनके पत्र के लीक होने को ‘बड़े देशद्रोह ’ की तरह लिया जाय और उसके स्रोत के साथ ‘कड़ाई ’ से निपटा जाय। एंटनी ने कहा कि कोई देशभक्त भारतीय संवेदनशील पत्र व्यवहार को लीक करने में लिप्त नहीं हो सकता क्योंकि इससे केवल दुश्मन को ही फायदा होगा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट जल्द मिल जाएगी। 


सरकार को फिर पेरशानी में डालने वाले एक घटनाक्रम में आज दिल्ली के एक अखबार में एक रिपोर्ट आई है कि जनरल सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग के खिलाफ तृणमूल कांगे्रस के एक सांसद की भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत को सीबीआई को प्रेषित किया था। सुहाग दीमापुर स्थित तीसरी कोर के कमाण्डर हैं और सिंह के बाद सेनाध्यक्ष पद पर प्रोन्नत किए जा सकने वाले संभावितों की कतार में उनका नाम है।
" "