" "

भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

पीएम बनने के लायक नहीं हैं राहुल : अन्ना

जनलोकपाल बिल पर देश व्यापी आंदोलन चलाने वाले अन्ना हजारे ने कहा है कि कांग्रेस के युवराज देश के प्रधानमंत्री बनने के काबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी इस पद को संभालने के लिए उन्हें काफी अनुभव की जरूरत है, जो फिलहाल उनमें दिखाई नहीं देता है।

एक निजी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम में अन्ना हजारे शनिवार रात को कहा कि राहुल गांधी में अभी अनुभव की भारी कमी है। इस लिए वह अभी प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुभव हीनता की ही वजह से ही राहुल कांग्रेस को पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान जीत दिलाने में असफल रहे। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ ही अनुभव आता है और राहुल को इसके लिए अभी बहुत मेहनत की जरूरत है। जनलोकपाल बिल पर पूछे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री बेहद साफ सुथरी छवि के इंसान हैं। उन्होंने कहा कि वह बेहद सात्विक हैं लेकिन गलत लोगों के बीच फंसे हुए हैं। उन्होंने सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा कि प्रधानमंत्री रिमोट से कंट्रोल होते हैं इसलिए यह समस्या आ रही है।

जनलोकपाल बिल पर सरकार की मंशा के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि यह बिल पास हो, इसलिए उन्होंने केवल अपना ही बिल स्टेंडिंग कमेटी में रखा। उन्होंने कहा कि हम यह कभी नहीं कहते हैं कि जो हमने बिल का मसौदा तैयार करके दिया है वही पास किया जाए। बल्कि अभी तक जितने भी ड्राफ्ट सरकार को इस संबंध में मिले हैं उन सभी को स्टेंडिंग कमेटी में भेजा जाना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि सभी बिलों पर बहस के बाद जो भी निर्णय सरकार लेगी वह उन्हें मान्य होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार की सोची समझी रणनीति थी कि इस आंदोलन को समाप्त किया जाए। लेकिन सरकार इसमें कामयाब नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि यह जनआंदोलन जब तक वह जिंदा हैं जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तभी ठंडा होगा जब वह नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह बाबा रामदेव के साथ मिलकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। अन्ना ने कहा कि जनलोकपाल बिल पर सफलता पाने के बाद वह किसानों के लिए एक आंदोलन करेंगे।

अन्ना की बीमारी पर पूछे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते हैं कि संचेनी हास्पिटल में उन्हें सिर्फ खांसी और जुकाम के लिए गलत दवाईयां क्यों दी गई। उन्होंने अंदेशा जताया कि यह सरकार की साजिश का एक हिस्सा हो सकता है।

जन-आदोलन छेड़ने की तैयारियों में जुटे अन्ना

नई दिल्ली। बिना किसी औपचारिक संगठन या कार्यकर्ताओं की फौज के ही सरकार को गंभीर चुनौती दे चुके अन्ना हजारे ने अब पैंतरा बदल लिया है। मुंबई के अनशन से सबक लेते हुए अब कोई आर-पार की लड़ाई शुरू करने से पहले वे देश भर में अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।

स्वत: स्र्फूत समर्थकों को संगठित कार्यकर्ता की शक्ल दी जा रही है। इन्हें प्रशिक्षित कर धीरे-धीरे कमान भी सौंपी जानी है। अगले एक साल की इस जमीनी कवायद के बीच अगले हफ्ते दिल्ली में हो रहा अन्ना हजारे का एक दिन का अनशन एक अभ्यास मैच की तरह होगा। पिछले दिसंबर में बीमार हुए अन्ना अब पूरी तरह फिट हो दिल्ली आ डटे हैं। यहीं टिक कर वे जन लोकपाल के साथ ही भूमि अधिग्रहण और चुनाव सुधार के मुद्दे पर भी जन-आदोलन छेड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

मगर अब उनका इरादा आमरण अनशन की भावनात्मक अपील के जरिए लोगों को जुटाना नहीं है। बल्कि नई लड़ाई शुरू करने से पहले बड़े स्तर पर ऐसे लोगों को तैयार करना है जो इन मुद्दों पर अच्छी समझ रखते हों। अन्ना के करीबी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपने कमाडरों को तीन महीने के अंदर देश के सभी राज्यों में अपने अनौपचारिक संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन का ढाचा तैयार करने को कहा है। इसके तहत सबसे पहले ऐसे लोगों की पहचान कर साथ जोड़ा जा रहा है जो लंबे समय तक भ्रष्टाचार के खिलाफ आदोलन के साथ डटे रह सकें।

इन्हें एक से दो दिन का प्रशिक्षण भी दिए जाने की तैयारी की गई है। इसके तुरंत बाद वे इन राज्यों का खुद दौरा करना चाहते हैं। यहां वे जन सभाओं के अलावा कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें भी करेंगे। अन्ना का मानना है कि आज भी देश के अधिकाश लोग चाहते हैं कि वे आगे बढ़कर आदोलन को नई दिशा दें। उनकी तैयारी ऐसे सभी लोगों को एक अनौपचारिक संगठन में पिरोकर सत्ता को लोकतात्रिक तरीके से चुनौती देने की है।

इस व्यापक तैयारी के लिए उन्होंने एक साल की समय सीमा रखी है। जनता तक अपनी बात पहुंचाने में तकनीक और नए मीडिया के इस्तेमाल की भी पहले से ज्यादा व्यवस्थित तैयारी की जा रही है। 20 रुपये की कीमत का अन्ना मोबाइल कार्ड उतारा जा चुका है। इसके जरिए आदोलन के लिए धन तो मिलेगा ही समर्थक बिना किसी बाधा के साल भर तक हर रोज अपनी पसंद की भाषा में अन्ना आदोलन के संदेश भी पा सकेंगे।

प्रयोग के लिए दिल्ली में उतारे जाने के दो हफ्ते के अंदर ही दस हजार कार्ड की बिक्री हो चुकी है।
" "