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किरण बेदी बोलीं, मैं समझौते के लिए राजी नहीं थी...

अमेरिका के बर्नार्ड कॉलेज की ओर से शुक्रवार को आयोजित वुमैन चेंजिंग इंडिया कार्यक्रम में बेदी ने कहा कि दिल्ली की पहली महिला पुलिस कमिश्नर बनने के लिए मैं कुछ समझौते कर सकती थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।

अगर मैंने ऐसा किया होता तो मेरा खुद का सम्मान गिर जाता। सामाजिक सक्रियता पर वार्ता सत्र में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कुछ नौकरशाहों और राजनेताओं ने यह साजिश रची थी कि दिल्ली में कोई महिला पुलिस प्रमुख नहीं बन पाए।

किरण बेदी के अलावा स्वरोजगार महिला संगठन की मिरॉय चटर्जी , टीच फॉर इंडिया की संस्थापक शाहीन मिस्त्री और आईआईएम बेंगलुरु में प्रोफेसर गीता सेन ने भी यहां पर अपने विचार रखे। बर्नार्ड कॉलेज की अध्यक्ष डेबोरा स्पार ने कहा, भारत में महिलाओं की अहम हिस्सेदारी है।
वे अपने समुदायों की नेता हैं
आर्थिक विकास और आंदोलनों में उनकी अहम भूमिका है। यहां हो रही हर घटना पर उनका असर देखने को मिलता है। गौरतलब है कि 2007 में किरन बेदी दिल्ली पुलिस की कमिश्नर की दौड़ में शामिल थीं।

लेकिन सरकार ने उस समय वाई.एस.डडवाल को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बनाया था। किरन बेदी 1972 बैच की आईपीएस अफसर थीं जबकि डडवाल 1974 बैच के आईपीएस अफसर थे। इसके बाद किरन बेदी ने वीआरएस ले लिया था।
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