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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

टीम अन्ना के बयान पर संसद में बवाल

सांसदों को चोर और लुटेरा बताने के लिए टीम अन्ना की सोमवार को लोकसभा में एक स्वर से कड़ी आलोचना की गई और इस बात की छानबीन कराने की मांग की गई कि कहीं देश को अस्थिर करने के लिए कोई विदेशी ताकत इस आंदोलन के पीछे तो नहीं है।

अपने सदस्यों को रोकें अन्ना
यह मामला विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने उठाया और कहा कि टीम अन्ना की ओर से जिस तरह सांसदों के प्रति अमर्यादित (भाषा) का इस्तेमाल किया गया है उसका पूरा सदन निंदा करता है। तेलंगाना क्षेत्र के सदस्यों द्वारा पृथक तेलंगाना राज्य के समर्थन में की जा रही नारेबाजी के बीच संसद सदस्य टीम अन्ना पर जमकर बरसे। उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे तक को नहीं बख्शा और कहा कि अन्ना को अपने सहयोगियों को अपशब्दों का इस्तेमाल करने से रोकना चाहिए।

बर्दाश्त नहीं करेंगे अपमान
सदस्यों ने कहा कि अन्ना की गिरफ्तारी के समय उन्होंने उनका पूरा साथ दिया। सदन के कई सदस्यों ने जंतर-मंतर पहुंच कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना की मुहिम का समर्थन किया था, लेकिन उसी टीम अन्ना के सदस्य आज उन्हें चोर, लुटेरा और बलात्कारी बता रहे हैं, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

संसद जैसी संस्थाएं टूटी तो नहीं बचेगा लोकतंत्र
सुषमा स्वराज ने टीम अन्ना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि संसद पर हमला लोकतंत्र पर हमला है और लोकतंत्र के प्रति अनास्था फैलाना तानाशाही को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि लगता है कि टीम अन्ना के सदस्य भटक गए हैं। वे लोकपाल विधेयक संसद से पारित कराना चाहते हैं और उसके सदस्यों को अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद जैसी संस्थाएं टूट जाएंगी तो लोकतंत्र नहीं बचेगा।

भाषणों को कांट-छांट कर पेश किया
अन्ना के आंदोलन के समर्थन में सबसे पहले जंतर-मंतर पहुंचने वालों में शामिल जनता दल (यू) के शरद यादव ने अन्ना और उनके सहयोगियों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन पर रोक लगाने के लिये अध्यक्ष की ओर से एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, जेल गए हैं, टीम अन्ना से सदस्यों ने क्या किया है। हमें बदनाम करने के लिए वे हमारे भाषणों को कांट-छांट कर दिखा रहे हैं।

विदेशी षडयंत्र तो नहीं अन्‍ना का आंदोलन
कांग्रेस के संजय निरपम ने शरद यादव की हां में हां मिलाते हुए कहा कि अब यह सिद्ध हो गया है कि यह आंदोलन भ्रष्टाचार के विरुद्ध नहीं बल्कि लोकतंत्र, संसद और राजनीतिक जमात के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि इस बात की छानबीन होनी चाहिए कि कहीं यह आंदोलन तेजी से तरक्की कर रहे भारत को अस्थिर करने के लिए कोई विदेशी षडयंत्र तो नहीं है।

टीम अन्ना का मकसद क्या है
मार्क्सवादी वासुदेव आचार्य ने कहा कि यह किसी एक सदस्य का नहीं, बल्कि संसद की मर्यादा का सवाल है और इसकी एक स्वर से निंदा की जानी चाहिए। समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र कुमार ने कहा कि टीम अन्ना के सदस्य संसद और संविधान पर हमला कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमें संसद की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए । इस बात की जांच होनी चाहिए कि टीम अन्ना का असली मकसद क्या है।
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